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घोघड़ शब्द सामान्यतः प्रयोग नहीं किया जाता है क्योंकि यह हिन्दी भाषा के शब्दकोष में भी नहीं है । हमारी जानकारी में घोघड़धाम नामक एक मंदिर उड़ीसा में है जहां घोघड़ शब्द का उपयोग किया गया है इसके अलावा इस शब्द का प्रयोग हिमाचल प्रदेश, जम्मू व उत्तराखंड के कुछ भागों में बच्चों को अज्ञात चरित्र से भयभीत कर उन पर काबू पाने के उद्देश्य से एक काल्पनिक छवि को डरावने रूप में प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है ghoghad.com

फिल्म शोले का यह डायलॉग तो आपको याद होगा ‘यहां से पचास पचास कोस दूर गांव में जब बच्चा रोता है तो मां कहती है, सो जा बेटे, सो जा नहीं तो गब्बर सिंह आ जाएगा’ फिल्म में यह डायलॉग गब्बर सिंह नामक डकैत के भय को दर्शाता है। यह तो फिल्मी बात का उदाहरण है जिसमें गब्बर सिंह नामक चरित्र इतना खूंखार होता है कि बच्चों सुलाने तक के लिए गब्बर सिंह का डर दिखाया जाता है। ghoghad.com

हिमाचल प्रदेश में घोघड़ नामक शब्द भी शायद इसी आशय में गठित हुआ होगा । इस शब्द के उच्चारण के साथ ही अभिभावक अपने चेहरे के हाव-भाव व आवाज को भी कुछ इस प्रकार बदल लेते हैं कि बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता अथवा परिवार के अन्य सदस्य ने सचमुच घोघड़ को देख लिया है और उन्हें लगता है कि अभिभावक भी उससे डर गए हैं। अभिभावकों के भयभरे हावभावों, दबी सी आवाज से बच्चे घोघड़ की परिकल्पना करना आरम्भ कर देते हैं कि घोघड़ इस प्रकार का दिखता होगा या उस प्रकार का। और इस प्रकार उनके जहन में घोघड़ की एक विशेष प्रकार की छवि बन जाती है। बाल मन में बनी घोघड़ की यह छवि ताउम्र बनी रहती है। बड़े होने पर वे इसे कोई आकार तो देना चाहते हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पाता थक हार कर वे भूतहा फिल्मों के किताबों के चित्रों को घोघड़ के सांचे में डालकर देखने का प्रयास करते हैं ghoghad.com

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में आज भी जब बच्चे सांय काल के बाद भी बाहर खेलते हैं तो अभिभावक कहते हैं जल्दी घर के भीतर आ जाओ नहीं तो घोघड़ उठा ले जाएगा। ऐसा सुनने के बाद बच्चे घर के भीतर आ जाते हैं और स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं। इस घोघड़ नामक शब्द से उन्हें सुबह से शाम तक कई संदर्भों में डराया जाता है। बहरहाल जब बच्चों के हाथ में पुस्तकें आ जाती हैं घोघड़ नामक शब्द का खौफ भी उनके भीतर से निकल जाता है और फिर वे स्वयं अपने से छोटे बच्चों को इस शब्द से भयभीत करवाने लगते हैं। विभिन्न बोलियों में इसका प्रयोग एक ही आशय के लिए किया जाता है ghoghad.com

इस शब्द से आपको साक्षात्कार करवाना इसलिए आवश्यक था क्योंकि बहुत से लोग हमसे ghoghad.com व इसी नाम से हमारे व्हट्सएप्प ग्रुप व फेसबुक पेज के नामकरण करने का कारण जानना चाहते हैं। ghoghad.com

इसलिए हम अपने पाठकों व फॉलोअर को बताना चाहते हैं कि हमें घोघड़ शब्द अपने भीतर में बहुत सी उर्जा समाहित किए हुए महसूस होता है। वहीं इस शब्द का उपयोग कहीं होता नहीं है तो गाद्दी बोली के इस अनूठे शब्द को हमने दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया है ताकि इसे भी शब्दकोष में कहीं स्थान मिल जाए । ghoghad.com

अब हम अपने Rozana वाले फेसबुक पेज का नाम भी GHOGHAD NEWS करना चाहते हैं अतः आपसे आशा करते हैं कि आप हमारे बदलाव को हर्ष के साथ स्वीकार करेंगे। ghoghad.com


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