ऊना, 17 जुलाई : अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी ने बताया कि फोस्टर केयर योजना के तहत ऐसे अनाथ व असहाय बच्चों को जिला कार्यक्रम व बाल विकास परियोजना अधिकारियों की देखरेख में किसी संपन्न पारिवारिक वातारण में पालने हेतु रखा जाता है ताकि ऐसे बच्चों को बाल व बालिका आश्रमों में प्रवेश हेतु बाध्य न होना पडे।
उन्होने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पालक माता-पिता को प्रति माह चार हजार रूपये की राशि सरकार द्वारा मुहैया करवाई जाती है जबकि पांच सौ रूपये प्रतिमाह राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। उन्होने बताया कि जिन बच्चों को पालक माता-पिता की देख-रेख मेें रखा जाता है उनका समय-समय पर निरीक्षण भी किया जाता है।
एडीसी ने बताया कि फोस्टर केयर योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में 200 बच्चों को कवर किया गया है जिसमें से 28 बच्चों ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है। उन्होंने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला में 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ बच्चों का डाटाबेस तैयार करें ताकि उन्हें मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत जोड़ा जा सके।